वो तू ही तो था 
जिसके आने से धड़कने 
रुक जाया करती थी 
खुसबू की तरह  
मुझी में समा जाती थी

आज फिर से तू ही है 
बस फर्क सिर्फ इतना है 
तब तुम साये की तरह 
साथ हुआ करती थी 
और आज 
मैं तेरी यादों के साथ ...........

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