kuch khalipan sa hai dil men jane kya hai wo.... kuch anjana sa hai harpal jane kya hai wo....... usi ko dhundta fir raha hu mai par na jane wo kya hai???????????
ज़िन्दगी की दौड़ थी और मैं पीछे छुट गया सभी मंजिलों के करीब थे और मैं रास्तों में खो गया धुन थी बस, ख्वाहिशों को पाने की और मैं अपनी ही धुन में रह गया....
वो तू ही तो था जिसके आने से धड़कने रुक जाया करती थी खुसबू की तरह मुझी में समा जाती थी आज फिर से तू ही है बस फर्क सिर्फ इतना है तब तुम साये की तरह साथ हुआ करती थी और आज मैं तेरी यादों के साथ ...........